About Me

भोपाल, मध्‍यप्रदेश, India
लेखक कला के क्षेत्र में सबसे पहले फिल्‍म टंट्या भील में कार्य किया जिसमें होल्‍कर पुलिस का रोल निभाया, इसके बाद फिल्‍म चक्रब्‍यूह में कार्य किया जिसमें ब्‍यूरोकेट का रोल निभाया एवं फिल्‍म सत्‍याग्रह में अनसनकारी का रोल किया जिसमें अमिताभ बच्‍चन के साथ अनसन पर बैठकर रोल किया।

Thursday, 27 April 2017

High Court Order

WP-8863-2015 (दिनेश दुबे परीक्षा के अपील या प्रदेश) 24-04-2017 
श्री आकाश चौधरी, याचिकाकर्ता के लिए विद्वान वकील 
श्री दिवेह जैन, प्रतिवादी / राज्य के लिए शासकीय अधिवक्ता हैं। 
वर्तमान मामले में, उत्तरदाताओं ने कई अवसरों के बावजूद उनका जवाब नहीं दायर किया है, हालांकि याचिकाकर्ता द्वारा बनाई गई प्रार्थना यह है कि दैनिक वेतन भोगी न्यूनतम वेतनमान के लाभ प्राप्त करने का हकदार है। याचिकाकर्ता ने इस तरफ उत्तरदाताओं से पहले कई अभ्यावेदन भी प्रस्तुत किये हैं, लेकिन किसी का फैसला नहीं किया गया है और न ही उत्तरदाताओं द्वारा कोई उत्तर दायर किया गया है। इन परिस्थितियों में, याचिका की प्रमाणित प्रति प्राप्त होने की तारीख से एक सप्ताह के अंदर उत्तरदाता नंबर 1 से सामने प्रासंगिक दस्तावेज/निर्णय के साथ याचिकाकर्ता को ताजा प्रतिनिधित्व देने के निर्देश दिए जाते हैं। 
बदले में, प्रतिवादी नंबर 1 अगले छह सप्ताह की अवधि के भीतर कानून के अनुसार ही तय करेगा। 
तदनुसार, याचिका सीसी का निपटारा करती है।
प्रतिलिपि, नियमों के अनुसार
(सुबोध अभयनकर)
न्यायाधीश

Tuesday, 11 April 2017

आरक्षण

आज हम उस गलती की सजा काट रहे हैं जो हमने की ही नहीं । जिसका कारण है आरक्षण व्यवस्था। और ये नेताओं के निजी लाभ के लिए बनाई गई व्यवस्था है। आज हमारा योग्य युवा विदेशों में जा रहा है। और अयोग्य शासकीय नोकरी में।
नोकरी में आरक्षण , पदोन्नति में आरक्षण।
आरक्षण के द्वारा हिंदुओं को ही विभाजित किया जा रहा है फिर उनसे एक होकर रहने की उम्मीद कैसे कर सकते हैं।
पहले समान नागरिक अचार संहिता की बात की जाए फिर राम मंदिर की बात की जाए और उसके बाद तीन तलाक की बात की जाए।
क्योंकि आजादी के बाद आरक्षण पाए लोग रिटायर हो चुके हैं 60 साल हो चुके हैं अब आरक्षण की जरूरत नहीं है। 60 साल हमने भी वही दुख झेला है ।
अब हमारे बच्चों की क्या गलती है?