जब आप किसी एक कंपनी या संस्थान में लंबे समय तक काम करते हैं, तो कंपनी आपको आभार स्वरूप या इनाम के रूप में ग्रेच्युटी प्रदान करती है। इस पोस्ट में हम जानेंगे कि ग्रेच्युटी किसे मिलती है? इसके लिए नियम और शर्तें क्या हैं। अंत में हमने ग्रेच्युटी का फार्मूला और गणना करने का तरीका भी उदाहरण के साथ बताया है।
ग्रेच्युटी के नियम
इसके मुख्य नियम व विशेषताएं निम्नलिखित हैं।
एक संस्थान में 5 साल नौकरी पूरी होने पर ही मिलेगी
इसमें कर्मचारियों को एक निश्चित समय सीमा के बाद नौकरी छोड़ने पर (रिटायरमेंट या इस्तीफा) दोनों ही स्थितियों में. एक निश्चित रकम आभार स्वरूप इनाम या पारितोषिक के रूप में प्रदान की जाती है। इसलिए सरकार ने एक कंपनी या संस्थान में कम से कम 5 साल की नौकरी पूरी कर लेने वालों के लिए ही ग्रेच्युटी देने का नियम बनाया है।
हालांकि, 4 साल 8 महीने की नौकरी पूरी करने पर भी आपके 5 साल पूरे मान लिए जाते हैं। कुछ विशेष परिस्थितियों में 5 साल पूरे करने के पहले भी आप ग्रेच्युटी के हकदार होत हैं। इन चीजों को हमने नीचे अलग से समझाया है।
10 से अधिक कर्मचारी होने पर लागू करना अनिवार्य
ग्रेच्युटी अधिनियम उन सभी कंपनियों, संस्थानों या प्रतिष्ठानों पर लागू होता है, जहां पर कम से कम 10 या इससे अधिक कर्मचारी काम करते हैं। एक बार किसी संस्थान में ग्रेच्युटी अधिनियम लागू होने के बाद भविष्य में कभी कर्मचारियों की संख्या 10 से कम होने पर भी ग्रेच्युटी के नियम उस पर लागू रहेंगे।
दो स्थितियों में 5 साल नौकरी के पहले भी मिल सकती है
ग्रेच्युटी पाने के लिए न्यूनतम 5 साल नौकरी पूरी होने की शर्त सिर्फ दो स्थितियों में छूट मिलती है। नौकरी के दौरान अगर कर्मचारी के साथ ऐसी कोई घटना होती है तो उसे 5 साल से कम कार्यकाल पर भी ग्रेच्युटी मिलती है।
कर्मचारी की आकस्मिक मृत्यु होने पर
दुर्घटना या बीमारी के कारण कर्मचारी के अपंग होने पर
नौकरी के दौरान कर्मचारी की मौत होने की स्थिति में ग्रेच्युटी की रकम उसके नोमिनी या उत्तराधिकारी को मिलेगी।
4 साल और 8 महीने पूरे होने पर भी बनता है ग्रेच्युटी का दावा
ग्रेच्युटी की गणना में नौकरी की अवधि के निर्धारण में निम्नलिखित नियम लागू होंगे।
जमीन के ऊपर चल रहे उद्योग में 4 साल 8 महीने की नौकरी पूरी करने के बाद कर्मचारी ग्रेच्युटी पाने का अधिकारी बन जाता है। जमीन के नीचे चलने वाले उद्योगों ( जैसे खनन उद्योग) में, 4 साल व 190 दिन (6 महीने) काम करने पर 5 साल का कार्यकाल माना जाएगा और ऐसा कर्मचारी भी ग्रेच्युटी पाने का अधिकारी होगा।
दरअसल जमीन के उूपर संचालित होने वाले उद्योग में कम से कम 240 दिन काम करने पर 1 साल की अवधि मानी जाती है, जबकि जमीन के नीचे जलने वाले उद्योगों में कम से कम 190 दिन काम करने पर 1 पूरा साल माना जाता है।
20 लाख से अधिक नहीं हो सकती कुल ग्रेच्युटी
कोई कंपनी या संस्थान अपने किसी कर्मचारी को कुल 20 लाख रुपए से अधिक ग्रेच्युटी लाभ प्रदान नहीं कर सकती। भले ही उसने कितने ही वर्षों तक वहां नौकरी की हो। कोई एक कर्मचारी भी अपने सभी कार्यकालों को मिलाकर कुल 20 लाख रुपए से अधिक ग्रेच्युटी प्राप्त नहीं कर सकता, भले ही चाहे उसने जितनी भी कंपनियों मेें नौकरी की हो।
ग्रेच्युटी की रकम पर टैक्स छूट के नियम
ग्रेच्युटी के रूप में मिली 20 लाख रुपए तक की रकम पर सरकार टैक्स छूट प्रदान करती है। लेकिन, अगर कोई कंपनी ग्रेच्युटी की मान्य सीमा 20 लाख रुपए से अधिक ग्रेच्युटी किसी कर्मचारी को प्रदान करती है, तो अतिरिक्त रकम पर उसे अपने टैक्स स्लैब के अनुसार टैक्स देना होगा।
नोमिनी के नाबालिग होने पर ग्रेच्युटी का क्या होगा?
ग्रेच्युटी भुगतान के समय अगर कर्मचारी का नोमिनी अगर नाबालिग है तो श्रमायुक्त उस रकम को उस नोमिनी के नाम पर SBI या अन्य किसी सरकारी बैंक में एफडी कर देंगे। बालिग होने की स्थिति में वह उस रकम को प्राप्त कर सकता है। नोमिनी का नाम दर्ज न होने पर, उसके वैध उत्तराधिकारी का ग्रेच्युटी की रकम पर हक बनता है। लेकिन इसके लिए उसे पर्याप्त प्रमाण प्रस्तुत करने होंगे।
ग्रेच्युटी की गणना कैसे करें? उदाहरण सहित
आप अपनी अंतिम सेलरी में निम्नलिखित फॉर्मूला लगाकर सीधे ग्रेच्युटी की रकम निकाल सकते हैं—
अंतिम सेलरी × 15/26 × नौकरी के कुल वर्ष
(यहां लास्ट सेलरी से मतलब, पिछले 10 महीनों की औसत सेलरी से है।)
उदाहरण: मान लेते हैं आपकी अंतिम सेलरी 30 हजार रुपए है। इस हिसाब से आपके प्रतिदिन 1 हजार रुपए (30000÷30) बैठते हैं। लेकिन, महीने भर में कुल 26 कार्यदिवस होते हैं, इसलिए ग्रेच्युटी की गणना में 30 दिन की बजाय 26 दिन से भाग होता है।
ऐसे मेें आपकी 1 दिन की सेलरी बनेगी 30000÷26= 1153 रुपए
इस तरह से 15 दिन की सेलरी बनेगी 1153 × 15=17307 रुपए
यानी कि 1 साल की नौकरी के लिए आपको कुल 17307 रुपए मिलेंगे
अगर आपने 5 साल नौकरी की है तो आपको कुल 17303 × 5=86515 रुपए मिलेंगे।
30 दिन के अंदर हो जाना चाहिए ग्रेच्युटी का भुगतान
ग्रेच्युटी एक्ट के अनुसार कंपनी की ओर से 30 दिन के अंदर ग्रेच्युटी की रकम कर्मचारी को जारी कर दी जानी चाहिए। बिना किसी पर्याप्त और वैध कारण के इससे अधिक विलंब नहीं किया जा सकता।
प्राय: कंपनियां या संस्थान कर्मचारी के नौकरी छोड़ने के बाद उसके हिसाब-किताब (full and final settlements) के साथ ही ग्रेच्युटी की रकम भी दे दते हैं। अगर कर्मचारी का ग्रेच्युटी पाने का दावा स्वीकार नहीं किया जा रहा है तो इसकी भी सूचना 30 दिन के अंदर उसे मिल जानी चाहिए। 30 दिन के बाद संस्थान ग्रेच्युटी से इंकार की सूचना नही दे सकता।
स्थाईकर्मी का उपादान गणना का उदहारण:-
8000+(8000*171%=)13680=21680 अंतिम वेतन
21680/26=834 एक दिन का वेतन
834*15=12510, 15 दिन का वेतन
अर्थात 12510* 35 = 437840
35 वर्ष काम करने पर ये ग्रेज्युटी बनेगी 437840