जहां हरित वन हरियाली, और तलैया ताल है।
मध्यप्रदेश का हृदय स्थल, मेरे सपनों का भोपाल है।।
भारत भवन, मछलीघर, लेक व्यू, और वन विहार है।
यहां रोज ही ईद, दीवाली और होली का त्योहार है।।
बावडियों और मकवरों में पत्थर पर नक्कासी है।
गुफा मंदिर, विड़ला मंदिर, यहीं पर मथुरा काशी हैं।।
भवनों और संग्रहालयों की, लगी हुई कतार यहां।
रविन्द्र, भारत, मानस, गांधी, विड़ला, मानव तैयार यहां।।
महापुरूषों की प्रतिमाओं से सजे हुए चौराहे हैं।
राजा भोज संरक्षण हेतु ताल मझारे आये हैं।
रंग मंच और कला संस्कृति यहां पर गौरव पाती है।
स्कूलों और कालेजों से निकल मानव पीढ़ी जाती है।।
विधान सभा, राजभवन, मुख्यमंत्री आवास यहां।
मध्यप्रदेश की वागडोर का होता है प्रयास यहां।।
बल्लभ भवन और मंत्रालय में आय-व्यय के खाते हैं।
सतपुड़ा और विंध्याचल काे शरणागत् ही पाते हैं।
हिन्दू-मुस्लिम, सिख, ईसाई एक तराना गाते हैं।
यहां सभी हम जाति-पाती तज भोपाली बन जाते हैं।।
बाग बगीचे पिकनिक स्थल, बच्चों की किलकारी है।
ये भोपाल का ताल हमारा, सब तालों पर भारी है।।
केरवा डेम, हलाली डेम में कहां से आता पानी है।
भोजपुर मंदिर, भीम बैठका, पास ही रातापानी है।
ताजुल मस्जिद, ताज महल ये हमारे प्राचीन काल है।
नई सदी को कदम बढ़ाता यहां पर डी.बी.माल है।
दोनों स्टेशन एवं बस स्टेण्ड पर रहती रेलम पेल है।
अन्तर राष्टीय हवाई अडडे पर आती जाती प्लेन है।।
आशीषों का आंचल भरकर मां नर्मदा आई है।
खुशहाली का गीत सुनाती, तरूणों की तरूणाई है।।
उड़न खटोला यहां कराता आदिनाथ का ज्ञान है।
ईश्वर का एहसास कराता, पर्वत मनुआभान है।।
विदेशी पर्यटक सैलानियों का यहाँ पर आना-जाना है।
भारत हैवी इलेक्ट्रिकल का यहाँ पर कारखाना है।।
डाउ केमिकल इस चमन में मौत बनकर आयी हैं।
हम उन्हें श्रद्धांजलि देते जिनने जान गवाई है।।
सड़के चौड़ी पार्किंग स्थल, वाहनों का न शोर हो।
कलेक्टेट और निगम, पालिका, इनपर भी तो गौर हो।।
जगह जगह पर ओवरब्रिज हो, कभी न ट्रैफिक जाम हो।
पुराने शहर में नये शहर सा जाने में आराम हो।।
जल्द मैट्रो चले यहां पर ऐसा मेरा ख्याल है।
सबसे अच्छा, सबसे प्यारा, मेरे सपनों का भोपाल है।।
आयो बनाये जन्नत इसको, स्वच्छता का ख्याल रखें।
नई पीढ़ी आगे आये उसे सम्मुख यह सवाल रखें।।
… दिनेश दुबे
9229547354
मध्यप्रदेश का हृदय स्थल, मेरे सपनों का भोपाल है।।
भारत भवन, मछलीघर, लेक व्यू, और वन विहार है।
यहां रोज ही ईद, दीवाली और होली का त्योहार है।।
बावडियों और मकवरों में पत्थर पर नक्कासी है।
गुफा मंदिर, विड़ला मंदिर, यहीं पर मथुरा काशी हैं।।
भवनों और संग्रहालयों की, लगी हुई कतार यहां।
रविन्द्र, भारत, मानस, गांधी, विड़ला, मानव तैयार यहां।।
महापुरूषों की प्रतिमाओं से सजे हुए चौराहे हैं।
राजा भोज संरक्षण हेतु ताल मझारे आये हैं।
रंग मंच और कला संस्कृति यहां पर गौरव पाती है।
स्कूलों और कालेजों से निकल मानव पीढ़ी जाती है।।
विधान सभा, राजभवन, मुख्यमंत्री आवास यहां।
मध्यप्रदेश की वागडोर का होता है प्रयास यहां।।
बल्लभ भवन और मंत्रालय में आय-व्यय के खाते हैं।
सतपुड़ा और विंध्याचल काे शरणागत् ही पाते हैं।
हिन्दू-मुस्लिम, सिख, ईसाई एक तराना गाते हैं।
यहां सभी हम जाति-पाती तज भोपाली बन जाते हैं।।
बाग बगीचे पिकनिक स्थल, बच्चों की किलकारी है।
ये भोपाल का ताल हमारा, सब तालों पर भारी है।।
केरवा डेम, हलाली डेम में कहां से आता पानी है।
भोजपुर मंदिर, भीम बैठका, पास ही रातापानी है।
ताजुल मस्जिद, ताज महल ये हमारे प्राचीन काल है।
नई सदी को कदम बढ़ाता यहां पर डी.बी.माल है।
दोनों स्टेशन एवं बस स्टेण्ड पर रहती रेलम पेल है।
अन्तर राष्टीय हवाई अडडे पर आती जाती प्लेन है।।
आशीषों का आंचल भरकर मां नर्मदा आई है।
खुशहाली का गीत सुनाती, तरूणों की तरूणाई है।।
उड़न खटोला यहां कराता आदिनाथ का ज्ञान है।
ईश्वर का एहसास कराता, पर्वत मनुआभान है।।
विदेशी पर्यटक सैलानियों का यहाँ पर आना-जाना है।
भारत हैवी इलेक्ट्रिकल का यहाँ पर कारखाना है।।
डाउ केमिकल इस चमन में मौत बनकर आयी हैं।
हम उन्हें श्रद्धांजलि देते जिनने जान गवाई है।।
सड़के चौड़ी पार्किंग स्थल, वाहनों का न शोर हो।
कलेक्टेट और निगम, पालिका, इनपर भी तो गौर हो।।
जगह जगह पर ओवरब्रिज हो, कभी न ट्रैफिक जाम हो।
पुराने शहर में नये शहर सा जाने में आराम हो।।
जल्द मैट्रो चले यहां पर ऐसा मेरा ख्याल है।
सबसे अच्छा, सबसे प्यारा, मेरे सपनों का भोपाल है।।
आयो बनाये जन्नत इसको, स्वच्छता का ख्याल रखें।
नई पीढ़ी आगे आये उसे सम्मुख यह सवाल रखें।।
… दिनेश दुबे
9229547354