ये चिड़ियों का जमघट,
ये फूलों का खिलना,
दिखाती हैं खिड़कियाँ.
ये वाहनों का जाना,
दुकानों का खुलना,
पैदल भरी सड़क पर चलना
दिखाती हैं खिड़कियाँ.
कभी बादल घनेरे,
कभी बूंदों की रिमझिम,
कभी तारों की टिम टिम,
दिखाती हैं खिड़कियाँ.
सुबह सूरज के दर्शन,
रात्रि चंदा की जगमग,
पत्तों का झड़ना,
दिखाती हैं खिड़कियाँ .
दूर पहाड़ों के उन्नयन,
ये झीलों की लहरें,
वायुयानों की गर्जन,
दिखाती हैं खिड़कियाँ
जब हम हों घर में अकेले,
तन निर्बल और मन हो सशंकित,
बहार की दुनियां,
दिखाती हैं खिड़कियाँ .
ये हवा के झोंके,
ये पर्दे का हिलना,
हवा के रंगों को,
दिखाती हैं खिड़कियाँ
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