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भोपाल, मध्‍यप्रदेश, India
लेखक कला के क्षेत्र में सबसे पहले फिल्‍म टंट्या भील में कार्य किया जिसमें होल्‍कर पुलिस का रोल निभाया, इसके बाद फिल्‍म चक्रब्‍यूह में कार्य किया जिसमें ब्‍यूरोकेट का रोल निभाया एवं फिल्‍म सत्‍याग्रह में अनसनकारी का रोल किया जिसमें अमिताभ बच्‍चन के साथ अनसन पर बैठकर रोल किया।

Thursday, 2 October 2014

खिड़कियां

ये पेड़ों के झुरमुट,
ये चिड़ियों का जमघट,
ये फूलों का खिलना,
दिखाती हैं खिड़कियाँ.

ये वाहनों का जाना,
दुकानों का खुलना,
पैदल भरी सड़क पर चलना
दिखाती हैं खिड़कियाँ.

कभी बादल घनेरे,
कभी बूंदों की रिमझिम,
कभी तारों की टिम टिम,
दिखाती हैं खिड़कियाँ.

सुबह सूरज के दर्शन,
रात्रि चंदा की जगमग,
पत्तों का झड़ना,
दिखाती हैं खिड़कियाँ .

दूर पहाड़ों के उन्नयन,
ये झीलों की लहरें,
वायुयानों की गर्जन,
दिखाती हैं खिड़कियाँ

जब हम हों घर में अकेले,
तन निर्बल और मन हो सशंकित,
बहार की दुनियां,
दिखाती हैं खिड़कियाँ .

ये हवा के झोंके,
ये पर्दे का हिलना,
हवा के रंगों को,
दिखाती हैं खिड़कियाँ


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