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भोपाल, मध्‍यप्रदेश, India
लेखक कला के क्षेत्र में सबसे पहले फिल्‍म टंट्या भील में कार्य किया जिसमें होल्‍कर पुलिस का रोल निभाया, इसके बाद फिल्‍म चक्रब्‍यूह में कार्य किया जिसमें ब्‍यूरोकेट का रोल निभाया एवं फिल्‍म सत्‍याग्रह में अनसनकारी का रोल किया जिसमें अमिताभ बच्‍चन के साथ अनसन पर बैठकर रोल किया।

Saturday, 28 January 2017

न्‍यूनतम वेतन अ‍धिनियम 1948

उद्यान विभ्‍ााग के दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी को वर्ष 1997 में जिलाध्‍यक्ष द्वारा निर्धारित मासिक वेतन से हटाकर श्रमायुक्‍त द्वारा निर्धारित कृष्‍ाि नियोजन की साप्‍ता‍हकि दर पर भुगतान करने के पीछे मकसद अधिकारियों का उद्देश्‍य केवल मजदूरी में खर्चा कम करना था। इस निर्णय से मजदूरों के साथ जाे कुठाराघात हुआ उसकी किसी को चिंता नहीं थी। वेचारे मजदूर इस बात को समझ नहीं पाये क्‍योंकि उसी समय की कांग्रेस सरकार ने सारे दैनिक वेतन भोगियों को निकालने का फरमान जारी कर दिया था अत: अपनी नौकरी बचाने के चक्‍कर में कम मजदूरी में काम करने का समझौता करना पडा। उमा भारती सरकार द्वारा जब दैनिक वेतन भोगी श्रमिकों को बापस काम पर लेने का निर्णय लिया गया तथा हटाते समय एवं पुन: काम पर लेने के बीच जो सर्विस ब्रेक को सर्विस ब्रेक न मानते हुऐ उन्‍हें वापस उसी स्‍थ्‍ा‍िति में वहाल कर दिया गया जिस स्‍थ‍िति में वे पूर्व में कार्यरथ थे। पर उद्यानिकी विभाग ने उन्‍हें उसी स्थिति में बहाल न कर मासिक के स्‍थान पर साप्‍ताहिक कृष‍ि श्रमिक पर बापस लिया और वे जो मिला उसी में आने काे तैयार हो गये। 1997 से 2013 तक दैनिक वेतन भोगी मजदूरों को उद्यानिकी विभाग विभाग द्वारा साप्‍ताहिक मजदूरी का भुगतान किया जाता रहा। इसी बीच कई बार पत्राचार करने और चर्चा करने पर दिनांक 17.06.2016 को विभाग ने पत्र जारी कर न्‍यूनतम वेतन अधिनियम 1948 का हवाला देकर कृषि नियोजन दर समाप्‍त कर उन सभी दैनिक वेतन भोगी को जाे 1997 से 2013 तक साप्‍ताहिक दर पर कार्य कर रहे थे उन्‍हें दैनिक मासिक कुशल श्रमिक की दर पर भुगतान के निर्देश जारी कर दिये। 2013 से सभी कर्मचारी श्रमायुक्‍त द्वारा निर्धारित कुशल श्रमिक की दर से भुगतान प्राप्‍त कर रहे हैं। इसी बीच शासन के 10 वर्ष एवं 20 वर्ष से सेवा रत दैनिक वेतन भोगी श्रमिकों को क्रमश: 500 एवं 1000 रूपये मासिक विशेष भत्‍ता देने निर्देश जारी हुए इसी तारतम्‍य में विभाग द्वारा भी सभी जिलों को निर्देश जारी किये गये। जिलों में तो विशेष भत्‍ता देना प्रारंभ कर दिया गया परन्‍तु राजधानी होने के बावजूद भोपाल के सहायक संचालक उद्यान प्रमुख उद्यान भोपाल ने आज तक विशेष भत्‍ता देना प्रारंभ नहीं किया है। सुप्रमि कोर्ट के निर्णय के अनुसार मध्‍यप्रदेश शासन ने दैनिक वेतन भोगी श्रमिाकों गैंगमेनों को स्‍थाई कर्मी घोषित कर उनके लिये अकुशल, अर्द्धकुशल एवं कुश्‍ाल श्रेणी के क्रमश: तीन वेतनमान निर्धारित किये हैं जो उन्‍हें दिनांक 1 सितम्‍वर 2016 से देय हैं। इस निर्देश के बाद भी विभागीय अधिकारी असमंजस में पडे हैं कि अब दैनिक वेतन भोगियों को अभी तक विशेष भत्‍ता भी नहीं दिया है और अब स्‍थाई कर्मी का वेतन देने के निर्देश जारी हो गये है तो ये दाेनो कार्य कैसे किये जायें। अधिकारियों की रातों की नींद हराम हो गई है। इसी उधेडबुन में लगे हैं कि अब पहले तो 2008 से 2016 तक विशेष भत्‍ते का एरियर्स लगभग प्रत्‍येक श्रमिक का लगभग 48000 रूपये बनता है उसका भुगतान करना है तथा उसके बाद सितम्‍बर 2016 से अभी तक का स्‍थाई कर्मी का एरियर्स भी भुगतान करना पडेगा जो लगभग 5000 रूपये प्रतिमाह 5 माह का ही 25000 रूपये बनता है यह भी जब तक बढता जायेगा जब तक वेतन में नहीं लगा दिया जाता है। अत: अब इसी उधेडबुन में लगे हैं कि किस प्रकार इस खर्चे को कम किया जाये। अब कर्मचारी जाग्रत हो चुका है तथा आंदोलन की रूपरेखा बना रहा है अत: अब विभाग को चेत जाना चाहिये और पारदर्शिता अपनाते हुए तथा श्रमिक के हित में शाासन द्वारा लिये गये निर्णय का अक्षरश: पालन सुनिश्‍चित करना चाहिये बरना यह आंदोलन का रूप ले लेगा और अभी तक जो कर्मचारी विरोधी गतिविधियां विभाग में चल रहीं हैं उन्‍हें उजागर कर प्रदर्शन एवं हडताल भी प्रारंभ हो जायेंगे। अभी तो केबल भोपाल में ये मीटिंग के माध्‍यम से कर्मचारी को जाग्रत किया जा रहा है इसके बाद पूरे प्रदेश में इसे प्रचारित किया जायेगा और निश्चित ही यह आंदोलन पूरे प्रदेश स्‍तर पर प्रारंभ होने में ज्‍यादा समय नहीं लगेगा।

Saturday, 21 January 2017

पिताजी आप पिटे सो पिटे हम सब को क्‍यों पिटवाया

ट्रेन में एक परिवार सफर कर रहा था
परिवार में पिता माता पुत्र पुत्री चार लोग थे।
उनके सामने एक गुंडा टाईप का आदमी बैठा था।
गुंडे ने उस परिवार की लडकी को छेड. दिया।
पिता ने गुंडे से कहा कि तुम अपने आप काे क्‍या समझते हो
मैं तुम्‍हें अगले स्‍टेशन पर देखता हूँ। पुलिस बुलाकर तुम्‍हें अंदर करवा दूंगा।
इतने में गुंडे ने पिताजी को एक थप्‍पड रशीद कर दिया।
फिर पिता बोला कि अच्‍छा तुम्‍हारी हिम्‍मत
तुमने मुझे थ्‍प्‍पड मारा
मुझे मारा सो मारा मेरी बीबी को मत मार देना
नहीं तो मैं बहूत बुरा आदमी हॅूं
अभी तुम मुझे जानते नहीं हो
इतने में गुंडे ने उसकी बीबी को भी एक थ्‍प्‍पड रशीद कर दिया
पिता बोला अच्‍छा तुम्‍हारी इतनी हिम्‍मत
पता नहीं तुम्‍हें मैं क्‍या समझकर छोड रहा हूं।
पर मैं तुम्‍हें अगले स्‍टेशन पर बताउंगा कि मैं क्‍या हूँ
तुम्‍हारी गुण्‍डई निकल जायेगी यदि तुमने मेरे बेटे काे मारा
फिर गुण्‍डे ने बेटे काे भी एक थ्‍प्‍पड मार दिया
फिर पिता बोला यदि तुमने मेरी बेटी को मार दिया तो मैं तुम्‍हारा
यहीं मडर कर दूंगा।
इस पर गुंडे ने उसकी बेटी को भी एक थप्‍पड जड दिया
इसके बाद वे सब शांत बैठ गये
गुंडा अगले स्‍टेशन पर उतर का चला गया
यह परिवार भी अपने घर पहुंचा
घर पर बेटे ने पिताजी से पूछा कि
आप तो पिटे सो पिटे
हम सब को क्‍यों पिटवाया
इस पर पिताजी ने जवाब दिया
यदि मैं तुम सब को नहीं पिटवाता तो तुम सब
घर पर आकर मुझे चिढाते कि
क्‍यों पिताजी कैसे पिटे
मजा आया;;;;
 

Tuesday, 10 January 2017

क्‍या उद्यान विभाग के दैनि‍क वेतन भाेेगी इन्‍सान नहींं हैं

दिनांक १०.०१.२०१७

     आज श्री सत्‍यानंद संचालक उद्यानिकी से मुलाकात की तथा उन्‍हें उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों द्वारा दैनिक वेतन भोगी श्रमिकों के साथ जो अन्‍याय किया जा रहा है उससे अवगत कराया।
     राज्‍य शासन ने दैनिक वेतन भोगी श्रमिकों एवं गैंगमेन को 1 सितम्‍बर 2016 से स्‍थाईकर्मी घोषित कर उनके लिये नियमित वेतनमान निर्धारित कर दिया है जो उन्‍हें दिनांक 1 सितम्‍बर 2016 से देय है।
     अधिकतर विभागों ने इस आदेश का पालन करते हुए दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को स्‍थाई कर्मी के लिये निर्धारित वेतन देना प्रारंभ कर दिया है। तथा उनकी वरिष्‍ठता सूची बनाकर रिकार्ड कलेक्‍टर को भेजना भी आरंभ कर दिया है। पर उद्यानिकी विभाग के अधिकारी हमेशा की तरह उल्‍टे चलते हुए दैनिक वेतन भोगी को स्‍थाई कर्मी न बनाते हुऐ पहले जानकारी शासन को भेज रहे हैं तथा शासन से पूछ रहे हैं कि क्‍या करना है। या तो इन्‍हें शासन के नियम व निर्देश समझ में नहीं आते या जानबूझ कर समझना नहीं चाहते। शासन ने भी कई बार विभागीय संचालक को निर्देश दिये हैं कि जारी निर्देश का पालन करने के लिये बार बार शासन से न पूछा जावे। शासन के निर्देशों को अपने स्‍तर से पालन सुनिश्चित करें। परन्‍तु विभाग के अधिकारियों ने तो जैसे कर्मचारी को परेशान करने की कसम ही खा रखी है।
     शासन के स्‍पष्‍ट निर्देश है कि दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी को 62 वर्ष की आयु में सेवा मुक्‍त किया जाये तथा उन्‍हें अर्धवार्षिकी आयु के आधार पर उपादान राशि का भुगतान किया जावे।
     पर विभाग ने शासन का ये नियम तो तुरन्‍त समझ में आ गया कि दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी को 62 वर्ष की आयु में सेवा मुक्‍त करना है पर यह दिखाई नहीं दिया कि उन्‍हें उपादान राशि भी देना है। उद्यान विभाग के लगभग 50 दैनिक वेतन भोगी को आयु का मेडीकल कराकर सेवा मुक्‍त कर दिया गया परन्‍तु उन्‍हें आज तक उपादान राशि का भुगतान नहीं किया। बेचारे भीख मांगने को मजबूर हैं।
     मध्‍यप्रदेश शासन का दैनिक वेतन भोगी आभार व्‍यक्‍त करते हैं कि देर से ही सही परन्‍तु माननीय शिवराज सिंह चौहान ने उनके हित में निर्णय लिया तो सही पर यह निर्णय उन दैनिक वेतन भोगी श्रमिकों पर कब लागू होता है जो माननीय मुख्‍यमंत्री जी के बंगले के साथ साथ राजभवन अन्‍य मंत्रियों के बंगले पर एवं आई ए एस आदि के बंगले पर उनके बंगले को लॉन हेज फूल पौधे से साथ साथ सब्‍जी एवं फल उगाकर उन्‍हें खुश करने में लगे रहते हैं।

     

Monday, 9 January 2017

शासन के आदेशों को नहीं मान रहा है उदद्यान विभाग

मध्‍यप्रदेश शासन ने हाल ही में दैनिक वेतन भोगी को स्‍थाई कर्मी में उन्‍नयन करने के आदेश जारी किये हैं। पूर्व में भी शासन ने दैनिक वेतन भोगी को जिन्‍हें कार्य करते 10 वर्ष एवं 20 वर्ष पूर्ण हो गये हैं उन्‍हें 1500 एवं 2500  विशेष वेतन देने के आदेश जारी किये थे साथ ही उन्‍हें 62 वर्ष्‍ में रिटायर करने एवं उपादान राशि रूपये 125000 देने के निर्देश जारी किये थे उद्यान विभाग ने दैनिक वेतन भोगियों को 62 वर्ष्‍ की आयु में रिटायर तो कर दिया परन्‍तु उन्‍हें आज तक उपादान राशि का भुगतान नहीं किया गया।
     सभी विभाग दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को स्‍थाई कर्मी में उन्‍नयन कर चुके है परन्‍तु उद्यान विभाग ने अभी तक दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी को स्‍थाईकर्मी में उन्‍नयन नहीं करा है।
     उद्यान विभाग अंतर्गत कार्यालय सहायक संचालक उदद्यान प्रमुख उद्यान भोपाल में लगभग 108 वर्ष्‍ 1988 से पूर्व से कार्यरत दैनिक वेतन भोगी कार्यरत हैं जिन्‍हें विशेष्‍ वेतन तो दिया जा रहा है परन्‍तु आज तक उनकी पी एफ कटौती चालू नहीं हुई है न ही उनका सर्विस रिकार्ड बनाया गया है पूर्व में इनकी संख्‍या 235 थी जिसमें से मरने और रिटायर होने के फलस्‍वरूप आज 108 बचे हैं इनमें से जो कार्य  पर रहते दिवंगत हो गये उन्‍हें विभाग द्वारा 2.00 लाख राशि दी गई परन्‍तु जिन्‍हें रिटायर किया गया उन्‍हें शासन के आदेश के बाद भी उपादान राशि का भुगतान नहीं किया गया है। कई करर्मचारी तो कोर्ट से जीत कर आये हैं और कोर्ट ने उन्‍हें उपादान राशि भुगतान के आदेश भी दिये हैं। पर उद्यान विभाग कोर्ट के आदेश न तो मान ही रहा है न ही अपील कर रहा है।