जितना करीबी जो था, उसपर उतना ऐतवार करते थे.
वफा की जूस्तजू थी उनसे, उन्हीं का दम्भ भरते थे.
मगर जब आफत बड़ी आई, तब हमने था ये जाना.
ईश्वर आकाश में नहीं, ईश्वर तो धरती में बसते थे.
वफा की जूस्तजू थी उनसे, उन्हीं का दम्भ भरते थे.
मगर जब आफत बड़ी आई, तब हमने था ये जाना.
ईश्वर आकाश में नहीं, ईश्वर तो धरती में बसते थे.
माना की उम्मीद पर ही ये सारी दूनियां कायम है.
उम्मीद पर हर लम्हे का
उम्मीद पर हर लम्हे का
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