यहां उलझन में जीबन है,
वहां कांटो पे चलना है,
पडे है पांव मै छाले,
सफर तय फिरभी करना है.
उदासी का सबब तुमको,
बता दुं क्या मेरे यारों,
खडी उस पार है नौका,
मुझे उस पार जाना है.
कठिन है रास्ता लेकिन,
जरा सा हौसला रखना.
तुझे जज्बात रखना है,
मुझे औकात रखना है.
खुदा भी रूठ जाये तो,
फरिशतो साथ देना तुम.
घडी है इम्तिहानों की,
किसी सांचे में ढलना है.
वो पैरहन नहीं है अब,
बदन कैसे छुपाऊं में.
हया रोये अकेले में,
कहां सजना संवरना है.
किताबी ग्यान का कीडा,
लगा कर लोग बैठे है.
हकीकत है जुदा जीबन,
जहां जीना है मरना है.
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