About Me

भोपाल, मध्‍यप्रदेश, India
लेखक कला के क्षेत्र में सबसे पहले फिल्‍म टंट्या भील में कार्य किया जिसमें होल्‍कर पुलिस का रोल निभाया, इसके बाद फिल्‍म चक्रब्‍यूह में कार्य किया जिसमें ब्‍यूरोकेट का रोल निभाया एवं फिल्‍म सत्‍याग्रह में अनसनकारी का रोल किया जिसमें अमिताभ बच्‍चन के साथ अनसन पर बैठकर रोल किया।

Saturday, 27 December 2014

हकीकत है जूदा जीवन.....

यहां उलझन में जीबन है,
वहां कांटो पे चलना है,
पडे है पांव मै छाले,
सफर तय फिरभी करना है.

उदासी का सबब तुमको,
बता दुं क्या मेरे यारों,
खडी उस पार है नौका,
मुझे उस पार जाना है.

कठिन है रास्ता लेकिन,
जरा सा हौसला रखना.
तुझे जज्बात रखना है,
मुझे औकात रखना है.

खुदा भी रूठ जाये तो,
फरिशतो साथ देना तुम.
घडी है इम्तिहानों की,
किसी सांचे में ढलना है.

वो पैरहन नहीं है अब,
बदन कैसे छुपाऊं में.
हया रोये अकेले में,
कहां सजना संवरना है.

किताबी ग्यान का कीडा,
लगा कर लोग बैठे है.
हकीकत है जुदा जीबन,
जहां जीना है मरना है.

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