About Me

भोपाल, मध्‍यप्रदेश, India
लेखक कला के क्षेत्र में सबसे पहले फिल्‍म टंट्या भील में कार्य किया जिसमें होल्‍कर पुलिस का रोल निभाया, इसके बाद फिल्‍म चक्रब्‍यूह में कार्य किया जिसमें ब्‍यूरोकेट का रोल निभाया एवं फिल्‍म सत्‍याग्रह में अनसनकारी का रोल किया जिसमें अमिताभ बच्‍चन के साथ अनसन पर बैठकर रोल किया।

Monday, 8 December 2014

कर्म प्रधान

नजरिया बदल कर देखो नजारे बदल जायेंगे.
आसमां का सफर करोगे तो सितारे बदल जायेंगे.
जमाना करेगा तरीफ उन्हीं लोगों की.
जिनके कर्मों से जमाने बदल जायेंगे.

कर्म प्रधान विश्व रच राखा, को कर तरक बढ़ावे शाखा.

वर्ण व्यवस्था कर्म पर आधारित थी पर आज हम कर्म क्या कर रहे हैं इससे हमारी जाति पर कोई फर्क नहीं पड़ता है? जाति प्रथा को जिंदा रखने के लिये ही आरक्षण का प्रादूर्भाव हूआ है. आज हम आरक्षण को खत्म करने की बात करते हैं तब हम ये क्यों नहीं सोचते कि जाति को ही खत्म कर दिया जाये. जड़ पर पानी देने से तो पेड़ बड़ा ही होगा. छटाई कब तक करोगे. जड़ ही काट दोगे तो पेड़ अपने आप समाप्त हो जायेगा. पहले हम जातिवाद, क्षेत्रवाद, भाषावाद को खत्म करें फिर समाजवाद लायें उसके बाद विश्व बंधूत्व की बात करें.

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